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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
@siddhartarora2812
साम्यवाद की बकलोली कर कांवड़ियों को घेरने वाले समझ लें, कांवड़ उठाने के लिए भरपूर गूदा चाहिए!
साम्यवाद की बकलोली करने वाले कितनी जल्दी ये जता देते हैं कि मजदूर होना लानत है.अफसरशाही को कोसने वाले, वही बनने की बात कहते भी हैं तो किस तर्क से? एक आदमी जो कांवड़ में 120 किलो गंगाजल लेकर आया है, ये इसका गूदा है भई! और किसको पता कि ये पढ़ा लिखा नहीं है? क्या पढ़ाई लिखाई का ये मतलब है कि आदमी की लिमिट्स क्रॉस करने की कैपेबिलिटी खत्म हो जाए?
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
कावड़ यात्रा पर योगी और धानी के अलग-अलग फैसलों का अर्थ समझिए...
धर्म और राजधर्म के बीच समन्वय बनाकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व संतुलित फैसला करता रहा है. शायद ये केंद्रीय नेतृत्व का आदेश ही था कि उत्तरखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कावड़ यात्रा रद्द कर दी, किंतु यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा को अनुमति दे दी जिससे गफलत की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
आईचौक
@iChowk
कांवड़ियों का इतिहास जितना शानदार है, उतना ही डरावना उनका ये रूप है...
दिल्ली में आस्था के नाम पर जिस तरह कांवड़ियों ने कार के शीशे तोड़े हैं. वो ये साफ बताता है कि न तो उन्हें कानून की कोई परवाह है और न ही उन्हें धर्म का सम्मान करना आता है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
उत्पात मचाते कांवड़ियों का पुलिस के डंडों से अभिषेक जरूरी है
दिल्ली में आस्था के नाम पर जिस तरह कांवड़ियों ने कार के शीशे तोड़े हैं. वो ये साफ बताता है कि न तो उन्हें कानून की कोई परवाह है और न ही उन्हें धर्म का सम्मान करना आता है.
संस्कृति
| 3-मिनट में पढ़ें
गिरिजेश वशिष्ठ
@girijeshv
एक पक्ष कावड़ियों का भी
जब नौजवान इकट्ठा होते हैं तो हुड़दंग भी करते हैं और हंगामा भी. शायद समूह में होने पर आनंद की अनुभूति का ये एक तरीका है. लेकिन कांवड़ यात्रा को कुछ नौजवानों के हुड़दंग के तौर पर देखना ठीक नहीं है.